Album : Fursat ke raat din : small poems.
I was searching for this album , specially small intro poems at the beginning of each song , I am having audio cassette , bought long back , but I was looking for CD/MP3 version , finally got it.I translated those poems , as few guys have asked for poems/mp3 , Which I will try to upload.Pesh hey Hindi translation...
This particular song & movie is my all time favourite , therefore whole lyrics is posted .
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Song : फिर से आईयो, बदरा बिदेसी
एक मूड एक केफियत गीत का चेहरा होता हे कुछ सही से लफ्ज़ जड़ दो , मोजों से धुन की लकीरें खीच दो तो नगमा सांस लेने लगता हे जिंदा हो जाता हे , बस इतनी सी जान होती हे एक गाने की एक लम्हे के जितनी हाँ कुछ लम्हे बरसों जिंदा रहते हैं ,गीत बूढ़े नहीं होते उनके चेहरों पर झुर्रियां नहीं गिरतीं । वो पलते रहते हैं चलते रहते हैं । सुनने वालों की उम्र बदल जाती है तो कहते हैं । हां वो उस पहाड़ का टीला जब बादलों से ढंक जाता था आवाज़ सुनाई दिया करती थी.........
Song : Fir se ayeo
फिर से आईयो, बदरा बिदेसी । तेरे पंखों में पे मोती जड़ूंगी ।
भरके जाईयो हमारी तलैंया, मैं तलैया के नारे मिलूंगी ।
तुझे मेरे काले कमली वाले की सौं ।
तेरे जाने की रूत मैं जानती हूं, मुड़के आने की रीत है कि नहीं ।
हो काले दरग़ाह से पूछूंगी जाके तेरे मन में प्रीत है कि नहीं ।
कच्ची पुलिया से होके बजरिया, कच्ची पुलिया के नारे मिलूंगी ।
फिर से आईयो बदरा बिदेसी ।।
तू जो रूक जाए, मेरी अटरिया, मैं अटरिया पे झालर लगा दूं ।
डालूं चार ताबीज़ गले में अपने काजल से बिंदिया लगा दूं ।
छूके जाईयो, हमारी बगीची, मैं पीपल के आंडे मिलूंगी ।
फिर से आईयो बदरा बिदेसी ।
Song :हज़ार राहें मुड के देखी
लाख कसमें दीं लालच दिए पर जाने वाले लोटे नहीं। सिर्फ राहों पर उड़ते हुए सन्नाटों का गुबार छोड़ गए । कब तक कोई सन्नाटें फांदता रहे । ज़िन्दगी तो चलती रहती हे । सिर्फ गिले रह जाते हैं । और वफाओं के झुके हुए सजदे शायद कोई आए कोई आवाज़ दे कहीं से ।
Song : Fir se ayeo
फिर से आईयो, बदरा बिदेसी । तेरे पंखों में पे मोती जड़ूंगी ।
भरके जाईयो हमारी तलैंया, मैं तलैया के नारे मिलूंगी ।
तुझे मेरे काले कमली वाले की सौं ।
तेरे जाने की रूत मैं जानती हूं, मुड़के आने की रीत है कि नहीं ।
हो काले दरग़ाह से पूछूंगी जाके तेरे मन में प्रीत है कि नहीं ।
कच्ची पुलिया से होके बजरिया, कच्ची पुलिया के नारे मिलूंगी ।
फिर से आईयो बदरा बिदेसी ।।
तू जो रूक जाए, मेरी अटरिया, मैं अटरिया पे झालर लगा दूं ।
डालूं चार ताबीज़ गले में अपने काजल से बिंदिया लगा दूं ।
छूके जाईयो, हमारी बगीची, मैं पीपल के आंडे मिलूंगी ।
फिर से आईयो बदरा बिदेसी ।
Song :हज़ार राहें मुड के देखी
लाख कसमें दीं लालच दिए पर जाने वाले लोटे नहीं। सिर्फ राहों पर उड़ते हुए सन्नाटों का गुबार छोड़ गए । कब तक कोई सन्नाटें फांदता रहे । ज़िन्दगी तो चलती रहती हे । सिर्फ गिले रह जाते हैं । और वफाओं के झुके हुए सजदे शायद कोई आए कोई आवाज़ दे कहीं से ।
Song : Hazar rahen mud ke dekhi
Song :मेरा कुछ सामान
किनारे दूर होते होते बहुत दूर हो गए पानी के छापाको की आवाज़ भी डूब गयी । दिल में ऐसे सँभालते हैं गम जैसे जेवर समभालता हे कोई । टूट गए नाराज़ हो गए। हाथ से अंगूठी उतारी वापिस कर दि । बाहों के कंगन उतारे । और सात फेरों समेत लौटा दिए । लेकिन वो , वो बाकी जेवर जो दिल में रख लिए । उनका क्या होगा ?”
Song: Mera kuch samaan
Song :तुजसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी
“एक रोज़ ज़िन्दगी के रूबरू आ बैठे । ज़िन्दगी ने पुछा । ‘दर्द क्या है ? क्यूँ होता है ? कहाँ होता है यह भी तो पता नहीं चलता । तन्हाई क्या है आखिर ? कितने लोग तोह हैं । फिर तनहा क्यूँ हो ?’ मेरा चेहरा देख कर ज़िन्दगी ने कहा । ‘मैं तुम्हारी जुड़वाँ हूँ . मुझसे नाराज़ न हुआ करो ’
Song : Tuzhse naraz nahi zindagi
Song : Dil dundhta hey
मिसरा ग़ालिब का हे और कफियत हरेक की अपनी अपनी हे । दिल ढूँढता हे फिर वोही फुर्सत के रात दिन। ये फुर्सत रुकी हुई नहीं है । कोई ठहरी हुई । जमी हुई चीज़ नहीं । एक जुंबिश है । एक हरकत करती हुई कैफिय्यत ..
Song : दिल ढूँढता है फिर वही फ़ुरसत
Song : Ye saaye hein
ये सब शायद शायर के खाम खयाली हो । पता नहीं कैसी कैसी परछाइयों को गिरह लगाकर बांद लेना चाहता हे । सब जमा करता हे और कुछ हाथ नहीं आता । ये सब के सब सरकते हुय साए हैं । इनमें दर्द भी हे रस्म भी । अजीब चीज़ हे ये शायर चाहे जितना उंदेलता कभी खली नहीं होता ..
Song : ये साए हे
Song : Naam gum jayega
ये लड़ी है लम्हों की । झालर बना ली है इसकी । कभी पहन लेता हूँ । कभी उतार देता हूँ । बस येही पेश कर रहाँ हूँ नाम पता नहीं रखा भी नहीं । जनता हूँ वक़्त की गर्द में डूब जायेगा घूम हो जायेगा । जो याद रहेगा सिर्फ इतना ...
Song : नाम ग़ुम जायेगा
Song :मेरा कुछ सामान
किनारे दूर होते होते बहुत दूर हो गए पानी के छापाको की आवाज़ भी डूब गयी । दिल में ऐसे सँभालते हैं गम जैसे जेवर समभालता हे कोई । टूट गए नाराज़ हो गए। हाथ से अंगूठी उतारी वापिस कर दि । बाहों के कंगन उतारे । और सात फेरों समेत लौटा दिए । लेकिन वो , वो बाकी जेवर जो दिल में रख लिए । उनका क्या होगा ?”
Song: Mera kuch samaan
Song :तुजसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी
“एक रोज़ ज़िन्दगी के रूबरू आ बैठे । ज़िन्दगी ने पुछा । ‘दर्द क्या है ? क्यूँ होता है ? कहाँ होता है यह भी तो पता नहीं चलता । तन्हाई क्या है आखिर ? कितने लोग तोह हैं । फिर तनहा क्यूँ हो ?’ मेरा चेहरा देख कर ज़िन्दगी ने कहा । ‘मैं तुम्हारी जुड़वाँ हूँ . मुझसे नाराज़ न हुआ करो ’
Song : Tuzhse naraz nahi zindagi
Song : Dil dundhta hey
मिसरा ग़ालिब का हे और कफियत हरेक की अपनी अपनी हे । दिल ढूँढता हे फिर वोही फुर्सत के रात दिन। ये फुर्सत रुकी हुई नहीं है । कोई ठहरी हुई । जमी हुई चीज़ नहीं । एक जुंबिश है । एक हरकत करती हुई कैफिय्यत ..
Song : दिल ढूँढता है फिर वही फ़ुरसत
Song : Ye saaye hein
ये सब शायद शायर के खाम खयाली हो । पता नहीं कैसी कैसी परछाइयों को गिरह लगाकर बांद लेना चाहता हे । सब जमा करता हे और कुछ हाथ नहीं आता । ये सब के सब सरकते हुय साए हैं । इनमें दर्द भी हे रस्म भी । अजीब चीज़ हे ये शायर चाहे जितना उंदेलता कभी खली नहीं होता ..
Song : ये साए हे
Song : Naam gum jayega
ये लड़ी है लम्हों की । झालर बना ली है इसकी । कभी पहन लेता हूँ । कभी उतार देता हूँ । बस येही पेश कर रहाँ हूँ नाम पता नहीं रखा भी नहीं । जनता हूँ वक़्त की गर्द में डूब जायेगा घूम हो जायेगा । जो याद रहेगा सिर्फ इतना ...
Song : नाम ग़ुम जायेगा
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