Saturday, February 8, 2014

परिंदे

कई दिन हो गए परिंदों के feeder में दाना नहीं डाला
शोर भी नहीं हो रहा नहीं तो वो सुबह से लेकर शाम तक शोर मचाते रहते थे
घर पर सब कहते थे की कितना शोर मचाते हैं कई बार सुबह सुबह सोने भी नहीं देते
आज कल काम बहुत है , वक़्त नहीं मिल रहा , monetary  सपने जो chase  कर रहा हूँ
थक कर सो जाता हूँ बस , लेकिन कई दिनों से नोटिस किया , नींद ही नहीं आ रही
सोचा क्या वज़ह हो सकती है , काम से तो कभी ऐसा पहले हुआ नहीं , होता रहता है , लाइफ का routine  है फिर ?
कहीं और कोई कमी तो नहीं , या शायद वो परिंदों की आवाज़े जो अब नहीं आती वज़ह हो सकती है
सोचता हूँ दोबारा feed करना शुरू करूं , सुनूँ उस शोर को ,महसूस करूं फिर से
शायद  वो याद दिला  रहे  हों  की वो भी एक  जरूरी  part  हैं मेरी लाइफ के
लगता है ये ही सच है और वज़ह भी i

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