धुन्दला सा याद हे चेहरा ,किसी नेटवर्क साईट पर पिक्चर देखी थी कुछ समय पहले , सुन्दर सी थी , शायद पहले से ज्यादा , , लेकिन आँखों के भाव समज नहीं आये , खुश , उदास ,कोशिश तो करी पढने की , वैसे भी वो हमेशा ही प्रैक्टिकल थी , स्ट्रोंग , इंडिपेंडेंट , खुशमिजाज़ , संगीत , सिनेमा में इंटरेस्ट था , बातें भी करती थी , शायद ये कॉमन था हमारे बीच , बाकी तो एकदम अलग
कभी मिलेगी तो पूछूंगा : कैसी हो तुम .......
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